सलमान खान की फिल्म 'टाइगर जिंदा है' के आज तीन साल पूरे हो गए हैं। यह फिल्म 22 दिसंबर 2017 को रिलीज हुई थी। 210 करोड़ के बिग बजट में बनी इस फिल्म को दर्शकों ने बहुत पसंद किया था। फिल्म की तीसरी एनिवर्सरी के मौके पर डायरेक्टर अली अब्बास जफर ने फिल्म से जुड़ी कई बातें शेयर कीं। उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म में देशभक्ति है, कट्टर राष्ट्रवाद नहीं तभी इसे बेइंतहा प्यार मिला।
यह फिल्म एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी
अली अब्बास ने बताया, "यह फिल्म एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी। वह इसलिए कि पहला पार्ट 'एक था टाइगर' बहुत बड़ी हिट हो चुकी थी। दूसरी बात यह कि हमारी फिल्म 'सुल्तान' के बाद आ रही थी। 'सुल्तान' पर लोगों ने जिस तरह से प्यार बरसाया था, उससे मेरे और आदित्य चोपड़ा पर अतिरिक्त जिम्मेदारी लद गई थी। हमने यहां सोशियो-पॉलिटिकल सिनेरियो और आतंकवाद को लेकर वैश्विक समस्याएं वगैरह को फिल्म का बैक-ड्रॉप बनाया। हमने सत्य घटना को फिल्म में रखा।"
टाइटल सुन मुस्कुराए थे सलमान खान
अली ने कहा, "स्क्रिप्ट तैयार हो जाने के बाद सलमान सर के साथ मेरी बातचीत फिल्म के टाइटल को लेकर शुरू हुई थी और टाइटल था- 'टाइगर जिंदा है'। जब हमने उनको टाइटल बताया, तो वह मेरी तरफ देख कर मुस्कुराए। क्योंकि उनकी फिल्मों के टाइटल ऐसे ही हुआ करते हैं। चूंकि इस फिल्म का पूरा ढांचा ही एकता, शांति, भाईचारा और खुशी से मिलकर बना है। जिन पर एक ब्रांड के तौर पर सलमान खान कहीं न कहीं इन वैल्यूज के साथ खड़े रहे हैं।"
फिल्म में जोया का किरदार बहुत अहम था
अली ने आगे कहा, "फिल्म की लीडिंग लेडी कैटरीना कैफ की चालाक होने और फाइटिंग के लिए फिट रहने वाली एक्शन हीरोइन के तौर पर चौतरफा बड़ी तारीफ हुई थी। उन्होंने इस फिल्म के साथ खुद को री-इन्वेंट किया था। कैटरीना कैफ (जोया) टाइगर फ्रेंचाइजी का बेहद अहम हिस्सा रही हैं। कबीर खान ने टाइगर के पहले पार्ट में कहीं न कहीं एक बेहद स्ट्रॉन्ग हीरो और हीरोइन को स्टैबलिश कर दिया था।"
जोया के किरदार को नया बनाने की जिम्मेदारी अलग से थी
डायरेक्टर ने कहा, "ऐसे में मेरे ऊपर जोया के किरदार को नया बनाने की जिम्मेदारी अलग से थी। उसका किरदार टाइगर जितना ही स्ट्रॉन्ग होना चाहिए था। आइडिया यह था कि जोया को उसकी खुद की इंडीविजुएलिटी प्रदान की जाए। 'टाइगर जिंदा है' में जोया का किरदार ट्रैक केवल स्क्रीनप्ले और स्टोरी टेलिंग में ही नहीं समाया है, बल्कि यह इमोशनल तौर पर भी बहुत दमदार था।"
उन्होंने कहा, "वह इसलिए कि मैं हमेशा स्ट्रॉन्ग महिलाओं से घिरा रहा हूं। मेरी मां, मेरे परिवार की महिलाएं, मेरी दोस्त। सलमान के बारे में भी यही सच है और आदि का मामला भी ऐसा ही है। आयडिया यह था कि संकट के समय हर बार किसी आदमी को ही महिलाओं की रक्षा करते हुए न दिखाया जाए। महिलाएं भी उतनी ही सक्षम और ताकतवर हैं। वे अपने दम पर डटकर मुकाबला कर सकती हैं। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे किन हालात में हैं और किससे लड़ रही हैं। जोया का किरदार खड़ा करने के पीछे एकमात्र विचार यही था कि वह हमारे दौर की समकालीन महिला की आवाज बन जाए।"
फिल्म को खासकर इसके इमोशन के चलते प्यार मिला
अली अब्बास ने कहा, " जोया यह भी दिखाती है कि उस फील्ड की महिलाएं किस मिट्टी की बनी होती थीं। जहां अपनी लड़ाई लड़ने के लिए उन्हें किसी और की जरूरत नहीं पड़ती। मेरे ख्याल से वक्त आ गया है कि हम बड़े परदे पर महिलाओं की तारीफ करना और उनका जश्न मनाना शुरू कर दें। मेरे ख्याल से फिल्म को खासकर इसके इमोशन के चलते प्यार मिला। यह एक पैट्रियॉटिक फिल्म है, लेकिन जिंगोइस्टिक नहीं है। यह कॉमर्शियल है, एंटरटेनिंग है। लेकिन कहीं न कहीं इमोशन फिल्म से कभी छूटता नहीं है।"
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